Wednesday, August 10, 2016

dedicated to a father

हर रिश्ता दिल के एक एक कोनेमे छिपाना सिख लिया है मैने ..
आजकल मेरी मुस्कुरूरहट भी चुनकर गिनी जाती है !
सभी रिश्तोंको एक जगह रखना... मानो पाप सा हो गया है !!
कौनसा रिश्ता कितनी उदासी लाए ये कहै नही सकता    
हसीं का दिल करें तो इक कोना खोल कर तुम्हे खूब याद कर लेता हूं ...
                                                      .....bhavna

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