दुनिया में बस एक हम खुबसुरत नहीं
और भी हैं हसीं मुझसे बेहतर कहीं.
आज जवाँ हूँ तो कल बुढापा होगा
कोई मेरा अपना मेरे साथ हमेशा होगा.
'साया' ना कर कभी पराया मुझको
एक तेरे सिवाँ कोई दोस्त अपना ना होगा.
इस ढलती उम्र पर इतराना कैसा
दुनिया का दिया हर तज़ुर्बा मेरे साथ
होगा.
bhavna.jan2016.