तेरी गलियों से गुजरती ..
तुझे धुंढती तेरा पता पूछ रही थी
कोई सामने आया ..
हाथों में आईना थमा गया.
... bhavna
Wednesday, November 9, 2016
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Monday, August 29, 2016
Monday, August 22, 2016
zindagi
रिश्तों की दोर भी अजीबसी होती है
जिसे बांधे रखना चाहो
अकसर ...वहीं छूट जाता है !
कभी कहीं कौन मिल जाए
कहै नहीं सकते
जाने कब कोइ... हमसफर बन जाता है !
बस चलते जाना है
उन मोड पे मुडते जाना है
जींदगी पल पल ..तुझे खूब जिये जाना है !!
..... bhavna
Thursday, August 18, 2016
हाथ
मै जब लौट आऊं इस घर
तब तुम मेरे हाथ कुछ सपने रख देना ...
जिंदगी फीर तुझको जीत पाऊं
आखोंमे ऐसी इक आस रख देना ...
bhavna
Wednesday, August 17, 2016
something in internet
अगर कुछ देना चाहते हो तो तेरी महक भेज देना ...
इस ऑनलालाइ की दुनिया में इक वही तो समाइ नही है !
....... bhavna.2016
Wednesday, August 10, 2016
dedicated to a father
हर रिश्ता दिल के एक एक कोनेमे छिपाना सिख लिया है मैने ..
आजकल मेरी मुस्कुरूरहट भी चुनकर गिनी जाती है !
सभी रिश्तोंको एक जगह रखना... मानो पाप सा हो गया है !!
कौनसा रिश्ता कितनी उदासी लाए ये कहै नही सकता
हसीं का दिल करें तो इक कोना खोल कर तुम्हे खूब याद कर लेता हूं ...
.....bhavna
Friday, August 5, 2016
Wednesday, August 3, 2016
Thursday, May 26, 2016
paaus
खूप खूप आठवायचय तुला
बरच काही सांगायचय तुला
ती पावसाची हळुवार सर ...
त्या एका पावसाची वाट पाहतय मन !
ती सर येईल तशा आठवणीही बहरतील
रंगांमधे असतोस तसा शब्दांमधेही दिसशील ...
पावसाला सांग जरा थेंब थेंब थेंबानेच ये..
मी वाट पाहतेय, म्हणून की काय
बघ हं... अचानक बरसशील!
.. bhavna2016.
Monday, May 23, 2016
Tuesday, February 2, 2016
कृष्ण
' कृष्ण '
आहे जितकी तुझी
माझ्या देवाचीही नाही मी ...
तू शोधतो आहेस माझ्यातला 'तो '
कधी एक झाले होते... रंग ते ...
तो पाहतो मला
आनंदाचं गाणं गाताना ...
तो पाहतो मला
मन वेडं ... रडू आवरताना ...
मी 'माझी '
कुठे .. कसं म्हणू मी ..
थोडं थोडं म्हणत सर्वच वाहीले
... ना रे तुला मी !
तो आजही तिथे उभा आहे ...
खरं सांगु?
आपल्या नात्याची दोर
मात्र 'तो' सांभाळतो आहे.
bhavna.2016 jan.
Wednesday, January 27, 2016
somelinesformyoldage
दुनिया में बस एक हम खुबसुरत नहीं
और भी हैं हसीं मुझसे बेहतर कहीं.
आज जवाँ हूँ तो कल बुढापा होगा
कोई मेरा अपना मेरे साथ हमेशा होगा.
'साया' ना कर कभी पराया मुझको
एक तेरे सिवाँ कोई दोस्त अपना ना होगा.
इस ढलती उम्र पर इतराना कैसा
दुनिया का दिया हर तज़ुर्बा मेरे साथ
होगा.
bhavna.jan2016.